कभी करती है आँख मिचौली,
कभी सजाये सपनों की डोली,
शरारत उम्र भर करती ही रहती,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
कभी खुशियों का मेला लगता है,
कभी जीवन झमेला लगता है,
कभी चुराए हमसे ये नज़र,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
अपनों से जुदा कर देती है,
आँखों में पानी भर देती है,
कोई कितनी शिकायत करेगा,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
दूर ये हो तो गम होता है,
आँखों का दरिया नम होता है,
ख़ुद अपनी मर्ज़ी से चलती है,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
आँसूं भी हो तो पी लेते हैं,
पल दो पल ख़ुशी से जी लेते हैं,
पलभर न रोका हमें कभी,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
कभी पास है तो कभी दूर है,
इसकी नज़ाकत भी नूर है,
जीना भी हमको सिखाती है ये,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
ज़िन्दगी गुज़र जाये तकरार में,
बेहतर है ये गुज़र जाये प्यार में,
इतनी इजाज़त है ज़िन्दगी से,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
कभी सजाये सपनों की डोली,
शरारत उम्र भर करती ही रहती,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
कभी खुशियों का मेला लगता है,
कभी जीवन झमेला लगता है,
कभी चुराए हमसे ये नज़र,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
अपनों से जुदा कर देती है,
आँखों में पानी भर देती है,
कोई कितनी शिकायत करेगा,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
दूर ये हो तो गम होता है,
आँखों का दरिया नम होता है,
ख़ुद अपनी मर्ज़ी से चलती है,
है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
आँसूं भी हो तो पी लेते हैं,
पल दो पल ख़ुशी से जी लेते हैं,
पलभर न रोका हमें कभी,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
कभी पास है तो कभी दूर है,
इसकी नज़ाकत भी नूर है,
जीना भी हमको सिखाती है ये,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !
ज़िन्दगी गुज़र जाये तकरार में,
बेहतर है ये गुज़र जाये प्यार में,
इतनी इजाज़त है ज़िन्दगी से,है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी !